नमस्ते दोस्तो ! आज हम इस Article के माध्यम से आपको यह समझने का प्रयास करेंगे की आखिर Chandrayaan-3 का जो मिशन है उसको 40 दिन का समय जो लग रहा है वो क्यूँ और कैसे लग रहा है , यहाँ हमने एक चित्रा पेश किया है जिसमे Chandrayaan-3 से जुड़े सारे चरण दिखाये गए है की कैसे क्या और कब कब होगा , आइये इसे समझने की कोशिश करते है
चित्र में चंद्रयान-3 मिशन के विभिन्न चरण दिखाए गए हैं।
मिशन का पहला चरण प्रक्षेपण है, जिसमें चंद्रयान-3 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सबसे भारी रॉकेट, जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) मार्क-III द्वारा पृथ्वी की कक्षा में प्रक्षेपित किया गया था।
दूसरा चरण, कक्षा बढ़ाने वाले युद्धाभ्यास, में इसरो पांच से छह युद्धाभ्यास करेगा ताकि मॉड्यूल को चंद्रमा की ओर ले जाने के लिए पर्याप्त गति प्राप्त हो सके।
तीसरा चरण, ट्रांसल्यूनर इंजेक्शन, में मॉड्यूल को पलायन वेग तक पहुंचने के लिए एक अंतिम इंजन जलना होगा। इस वेग से, मॉड्यूल चंद्रमा की ओर बढ़ना शुरू कर देगा।
चौथा चरण, चंद्र हस्तांतरण प्रक्षेपवक्र (LTT) में प्रवेश, में मॉड्यूल चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा।
पांचवां चरण, चंद्र कक्षीय समावेश, में मॉड्यूल को एक स्थिर चंद्रमा की कक्षा में खींचा जाएगा।
छठा और अंतिम चरण, चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग, में मॉड्यूल चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
चित्र में चंद्रयान-3 के विभिन्न घटकों को भी दिखाया गया है। इनमें शामिल हैं:
- प्रणोदन मॉड्यूल: यह मॉड्यूल चंद्रयान-3 को अपनी कक्षा में स्थानांतरित करने के लिए जिम्मेदार है।
- लैंडर: यह मॉड्यूल चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
- रोवर: यह रोवर चंद्रमा की सतह पर घूमेगा और अध्ययन करेगा।
चित्र में चंद्रयान-3 के विभिन्न चरण और घटक दिखाए गए हैं। यह एक महत्वपूर्ण मिशन है जो भारत को अंतरिक्ष में अपने महत्व को और बढ़ाएगा।
Latest Updates From ISRO on Chandrayaan-3 Mission
A tweet by ISRO
Chandrayaan-3 Mission update:
The spacecraft’s health is normal.The first orbit-raising maneuver (Earthbound firing-1) is successfully performed at ISTRAC/ISRO, Bengaluru.
Spacecraft is now in 41762 km x 173 km orbit. pic.twitter.com/4gCcRfmYb4
— ISRO (@isro) July 15, 2023